सुआ नाचेल जाबो संगी
चलो सुआ नाचेल जाबो
तरी हरी मोर सुअना
नहा नरी नहा न गाबो
संगी संगवारी जुर मिलके
माटी के सुआ बनाबो
माटी के सुआ शोभा बरनी
हरियर रंग म रंगाबो
सखी सहेली टोली बनाके
चलो सुआ नाचेल जाबो
तरी हरी मोर सुअना
नहा नरी नहा न गाबो
एके रंगके झम्मक लुगरा
पहिरके नाचेल जाबो
घर अंगना अउ पारा मोहल्ला
सुआ नाच ल देखाबो
सुआ नाचत गीत गा गाके
ताली थपती ल बजाबो
तरी हरी मोर सुअना
नहा नरी नहा न गाबो!!
मयारुक छत्तीसगढ़िया
सोनु नेताम “माया”
रुद्री नवागांव धमतरी
[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”]